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क्या इतिहास के पन्नो में रह जाएगा जोशीमठ? एक एक्सपर्ट द्वारा डराने वाला दावा

जोशीमठ : यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि जोशीमठ जीवित रहेगा या मर जाएगा। हमारे शहर में इस समय जो हो रहा है वह किसी आपदा से कम नहीं है। दरकते घर, धंसती मिट्टी… ये सब प्रलयंकारी आपदा की आहट है। वहीं, एक पर्यावरण विशेषज्ञ ने हैरान करने वाली बात बताई। उनका दावा है कि जोशीमठ को कभी ठीक नहीं किया जा सकता। इस दौरान उन्होंने एनटीपीसी के इंजीनियरों पर गंभीर आरोप लगाए।

जोशीमठ, पर्यावरण विशेषज्ञ विमलेंदु झा के अनुसार, जोशीमठ कभी ठीक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में मौजूदा परिदृश्य को उलटा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के इंजीनियरों ने जोशीमठ को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। झा ने यह भी कहा कि हाइडल परियोजना जोशीमठ से होकर नहीं जानी चाहिए। उनका दावा है कि जिस तरह से पहाड़ों का खनन किया जा रहा है, वह जोशीमठ आपदा का परिणाम है।

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सारी मिट्टी खोदने योग्य नहीं होती

विमलेंदु झा के अनुसार, हर मिट्टी समतल नहीं होती और उसका खनन नहीं किया जाना चाहिए। इंजीनियरों को मिट्टी के प्रकार को समझना चाहिए। इसे इंजीनियरिंग स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए। जलोढ़, लेटराइट, रेगिस्तान, काला कपास, पीट, और अधिक प्रकार उपलब्ध हैं। झा के अनुसार, हिमालय उच्च भूकंपीय क्षेत्र में सबसे कम उम्र की पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। लोग यहां की मिट्टी खोदने के परिणाम के बारे में जान रहे हैं।

प्राकृतिक आपदाएं प्राकृतिक रूप से नहीं आतीं।

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पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार प्राकृतिक आपदाएं प्राकृतिक नहीं होती हैं। इस दौरान उन्होंने चमोली फ्लैश फ्लड का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 में चमोली में बाढ़ आएगी। वही प्रोजेक्ट मौजूद था। इसी के चलते ऐसा हुआ है। इस दौरान झा ने राजनीतिक दलों और अधिकारियों को निशाने पर लिया।

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