ईरानी संसद ने हिजाब को लेकर एक सख्त कानून पारित किया है, जिसे ‘हिजाब और शुद्धता’ विधेयक के नाम से जाना जाता है। इस कानून के अनुसार ईरान में महिलाओं को हिजाब सही तरीके से पहनना चाहिए और जो लोग इस अनिवार्यता का विरोध या मना करेंगे, उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा।
यह कानून ईरान में महिलाओं द्वारा अनिवार्य हिजाब के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच आया है। इस बढ़ते प्रतिरोध के जवाब में, ईरानी न्यायपालिका ने देश के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के मार्गदर्शन में विधेयक का मसौदा तैयार किया। इस विधेयक का उद्देश्य इस्लामी कानून की ईरान की व्याख्या के अनुरूप हिजाब नियम का अधिक सख्ती से पालन करना है।
नये हिजाब कानून में क्या कहा गया है?
ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में पारित ‘हिजाब और शुद्धता’ कानून उन महिलाओं पर कठोर दंड लगाता है जो सार्वजनिक रूप से या सोशल मीडिया पर हिजाब ठीक से नहीं पहनती हैं, या जो इसे पूरी तरह से त्याग देती हैं। कानून का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को 20 महीने के वेतन के बराबर जुर्माना देना होगा। जुर्माना 10 दिनों के भीतर चुकाना होगा, और ऐसा न करने पर महिला को पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और निकास परमिट के नवीनीकरण या जारी करने जैसी विभिन्न सरकारी सेवाओं से वंचित होना पड़ेगा।
कानून में संस्थानों को हिजाब कानून का उल्लंघन करने वाली महिलाओं की पहचान करने में पुलिस की सहायता के लिए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की भी आवश्यकता होती है। यदि संस्थान इसका पालन करने से इनकार करते हैं, तो उन्हें भारी जुर्माना या कुछ मामलों में निलंबन का सामना करना पड़ेगा।
ईरान में नया कानून कब लागू होगा?
ईरानी संसद ने नए ‘हिजाब और शुद्धता’ कानून को राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा है, जिसके बाद यह लागू हो जाएगा। हालांकि, ईरान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति के पास कानून के क्रियान्वयन में देरी करने या संबंधित एजेंसी से अधिसूचना वापस लेने का अधिकार है।